Saturday, April 10, 2010

किर्गिस्तान के सबक....

मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान में भ्रष्टाचार और महंगाई से त्रस्त जनता ने सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया है. इसके फलस्वरूप विपक्ष ने वहां सरकार का तख्ता पलटने का दावा किया है. विपक्ष ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री दानियार उसेनोव इस्तीफा देने पर राजी हो गए हैं और राष्ट्रपति कुरमानबेक बाकियेव की रजामंदी ली जानी है. हालाँकि राष्ट्रपति अभी कहाँ हैं इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. हिंसा की लपटें राजधानी बिश्केक तक पहुँच गयी हैं. भूराजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस देश में इस तरह की अराजकता वास्तव में चिंता का विषय है. 
क्या इस तरह के घटनाओं से हमारे देश के राजनेताओं और अधिकारियों को भय नहीं लगता होगा की यदि यहाँ की जनता ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया तो उनके अस्तित्व का क्या होगा. अतः देश के राजनेताओं और अधिकारियों से अपील है कि जनता के सब्र का इम्तिहान न लें. यही उनके और देश के हित में होगा. किर्गिस्तान कि घटना से हम यही सबक ले सकते हैं. 

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